मोरबी पुल हादसा: ओरेवा ग्रुप के एमडी पर शिकंजा, कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

हादसे की तस्वीर

मोरबी। गुजरात के मोरबी झूला पुल हादसे के आरोपित ओरेवा समूह के एमडी जयसुख पटेल को कोर्ट ने सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

मोरबी पुल हादसे के मामले में आरोपी बनाए गए जयसुख पटेल ने मोरबी कोर्ट में सरेंडर किया था। इस मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया था। पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें से 9 लोगों पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन ओरेवा ग्रुप के निदेशक फरार चल रहे थे। पुलिस ने प्रबंधक दीपक पारेख, दिनेश दवे, तीन सुरक्षा गार्ड, दो टिकट क्लर्क और इतने ही निजी संविदा कर्मियों को गिरफ्तार किया है और वे न्यायिक हिरासत में हैं।

ओरेवा समूह के निदेशक पर क्या हैं आरोप?
ओरेवा समूह के खिलाफ आरोप यह है कि उचित फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना उन्होंने पुल जनता के लिए खोल दिया। इस मामले में नगर पालिका ने कहा कि हमने कंपनी को कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था, और हमें यह भी सूचित नहीं किया गया था कि यह लोगों के लिए झूला पुल खोल रहे हैं। हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने फर्म की ओर से कई चूक होने का जिक्र किया है।

30 अक्टूबर 2022 को हुआ था मोरबी पुल हादसा
मालूम हो कि मोरबी में मणि मंदिर के पास और मच्छू नदी को पार करने वाला 140 साल पुराना सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 32 मिनट पर ढह गया। इस हादसे में कई मासूम बच्चों समेत 135 लोगों की जान चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुल के गिरने के वक्त 400 से ज्यादा लोग उस पर मौजूद थे। पुल की क्षमता 100 लोगों की थी। मोरबी के राजा सर वाघजी अपने शाही दरबार से राज महल जाने के लिए इसी केबल ब्रिज का इस्तेमाल करते थे। यह पुल उन्हीं के शासनकाल में बना था। राजा ने अपने राजशाही के अंत के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी थी।

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