‘यह तो मित्र काल बजट’… राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए इसे ‘मित्र काल’ का बजट बताया। उन्होंने कहा कि नए बजट में कोई विजन या फिर इरादा नहीं है, जिससे महंगाई, बेरोजगारी और असमानता को दूर किया जा सके। उन्होंने यूनियन बजट 2023 को निराशा करने वाला बताया।

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मित्र काल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।राहुल गांधी ने दावा किया कि एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।

वहीं कांग्रेस नेता नेता पी चिदंबरम ने भी इस बजट को निराशा करने वाला बताया। उन्होंने Budget 2023 पर पहली प्रतिक्रिया में कहा कि गरीब और अमीर के बीच चौड़ी होती खाई से सरकार को कोई मतलब नहीं है। पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण से बात साफ होती है कि सरकार को जनता के बीच अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं है।

गौरतलब है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है।

नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। साथ ही कर स्लैब (श्रेणी) को सात से घटाकर पांच किया गया है।

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