धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आए कैलाश विजयवर्गीय, बोले- क्यों दरगाह पर नहीं उठाते सवाल?

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजय वर्गीय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा लगाए आरोपों को मिथ्या बनाया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुरहानपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, उनका मैंने इंटरव्यू देखा, उन्होंने कहा कि, मैं कोई जादू चमत्कार नहीं करता हूं। मुझे अपने इष्ट पर विश्वास है, और मैं इष्ट का नाम लेता हूं, जिससे लोगों की समस्याओं का निराकरण होता है। ऐसा कोई धीरेंद्र महाराज तो कर नहीं रहे हैं। ऐसा तो आप जाएंगे तो जावरा की टेकरी में लोग जाते हैं, और नाचते कूदते हैं, और उसके बाद ठीक होकर आ जाते हैं, उसके बारे में तो कोई प्रश्न चिन्ह उठाता नहीं है, और धीरेंद्र जी के बारे में प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं। मैं समझता हूं कि यहां सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था है, जिसके कारण इस तरह के प्रश्न उठा रहे हैं।

क्या है पूरा मामला
बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर समाज में अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा था। पिछले दिनों नागपुर में कथा के दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने चुनौती दी थी। इस चुनौती के बाद बागेश्वर धाम पीठीधीश पर कथा छोड़कर भाग जाने का आरोप लगा था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम सरकार यानी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में पोस्ट और अलग-अलग तरह के बयान देखने और सुनने मिल रहे थे।

हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे
धीरेंद्र शास्त्री ने एक दिन पहले आरोपों पर सफाई दी- हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे। हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहे हैं। मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अनुच्छेद-25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार है और उसी के तहत वह धर्म का प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा डिस्क्लेमर है कि हम कोई संत नहीं हैं। उनका कहना है- मैं नागपुर से नहीं भागा, यह सरासर झूठी बात है। हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन का ही कार्यक्रम होगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब मैंने दिव्य दरबार लगाया था तब शिकायत लेकर क्यों नहीं आए? ये छोटी मानसिकता के लोग हैं और हिंदू सनातन के विरोधी हैं।

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