लाइब्रेरी में रखवाई थी विवादित पुस्तक, लेखिका फरहत खान गिरफ्तार

इंदौर। मध्यप्रदेश के शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के विवादित किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दण्डिक न्याय पद्धति’ की लेखिका डॉ. फरहत खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के पुस्तकालय में कथित तौर पर रखवाई गई एक किताब से जुड़े विवाद में संबंधित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया है। मिश्रा ने बताया कि डॉ. फरहत को उस समय गिरफ्तार किया गया, तब वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। वहीं, इंदौर में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद डॉ. फरहत को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत नोटिस तामील कराया गया है।

भोपाल में मीडिया से मुखातिब मिश्रा ने कहा, ”विवादास्पद लेखिका डॉ. फरहत खान को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे के गिरफ्तार कर लिया है। वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। वहां उन्हें कागजात भी सौंप दिए गए हैं।” उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने डॉ. फरहत की दूसरी पुस्तक से संबंधित शिकायतों की भी जांच शुरू कर दी है और अगर उसमें भी कोई विवादास्पद सामग्री मिलती है तो इसे भी उसी मामले से जोड़ दिया जाएगा।

गौरतलब है कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ पुस्तक को लेकर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका डॉ. फरहत और इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के साथ ही संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ तीन दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का आरोप है कि महाविद्यालय के पुस्तकालय में रखवाकर कानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई गई इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा मिलता है।

किताब की इन बातों पर विवाद
किताब में लिखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और बर्मा में संप्रदायिकता का संघर्ष नहीं है। शासन तो वहां भी सैकड़ों वर्ष अंग्रेजों का रहा था और अमेरिका का हस्तक्षेप आज भी इनकी सत्ता पर रहता है। किताब में लिखा है कि आज सारे हिंदू संगठन एक स्वर से मुसलमानों की कश्मीर में धारा 370 लगाकर विशेष सुविधाएं देने का विरोध यह कहकर करते हैं कि कश्मीर में उग्रवाद धारा 370 के कारण ही पनप रहा है। यदि इनसे पूछा जाए कि पंजाब में उग्रवाद क्यों है, बिहार, उत्तप्रदेश, असम में जहां हिंदू उग्रवाद है, वहां भी धारा 370 नहीं लगी है।

Exit mobile version