शीतकालीन सत्र के शुरू होने से लेकर संसद में PM मोदी ने क्या-क्या कहा, पढ़िए

नई दिल्ली। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं।

संसद की शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को जी-20 का अवसर मिला है। दुनिया को भारत से अपेक्षाएं बढ़ी हैं। भारत वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी को बढ़ा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन है और ये सत्र काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम 15 अगस्त के पहले मिले थे, 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव पूरा हुआ और हम अमृत काल में आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह सिर्फ एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं है बल्कि भारत के सामार्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का समय है। भारत को जी-20 की मेजबानी मिलने पर पीएम मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से भारत से अपेक्षाएं बढ़ी हैं और जिस प्रकार से भारत वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है ऐसे समय में जी-20 की मेजबानी भारत को मिलना एक बहुत बड़ा अवसर है।

सदन में युवा सांसदों को बोलने का दिया जाए मौका
मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि पहली बार सदन में आए नए सांसदों के उज्जवल भविष्य और लोकतंत्र की भावी पीढ़ी को तैयार करने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा चर्चा करने का अवसर प्रदान किया जाए। पीएम मोदी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दल चर्चा को आगे बढ़ाएंगे और अपने विचारों से निर्णयों को नई ताकत देंगे। पीएम मोदी ने शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर बात करते हुए कहा कि इस सत्र में देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में भारत को आगे बढ़ाने के नए अवसरों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय करने का प्रयास किया जाएगा।

शोर-शराबे के कारण युवा सांसदों को होता है नुकसान
पीएम मोदी ने संसद में शोर-शराबे को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि मेरी सभी सांसदों से जब भी अनौपचारिक मुलाकातें हुई है वे कहते हैं कि सदन में शोर-शराबे के बाद सदन स्थगित हो जाता है, जिससे हम सासंदों का बहुत नुकसान होता। युवा सांसदों का कहना है कि सदन न चलने के कारण हम जो सीखना चाहते हैं वो सीख नहीं पाते हैं। सदन का चलना बेहद जरूरी है।

जगदीप धनखड़ सांसदों को प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे
राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज पहली बार हमारे उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) राज्यसभा अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल शुरू करेंगे। हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं और उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। मैं इस सदन के साथ-साथ राष्ट्र की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं।

भारत को गौरवान्वित करने में राष्ट्रपति मुर्मू की बड़ी भूमिका
संसद में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा कि आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी समुदाय से आती हैं और वो आदिवासी परंपराओं के साथ भारत को गौरवान्वित करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। उनसे पहले, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी वंचित समाज से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर बैठे थे और अब, हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ की तारीफ की और कहा कि आप भूमि पुत्र हैं, संसदीय परंपराओं को आप बखूबी समझते हैं। राजस्थान विधानसभा और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहे हैं। पढने लिखने में आपकी रूची है, आपकी रूपरेखा बेहद बड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के संरक्षक के रूप में आपकी भूमिका बाकी भूमिकाओं से काफी बड़ी हैं। आप जिस आसन पर बैठे हैं उसपर कई गणमान्य लोग बैठ चुके हैं। संसद में अपनी बात रखते हुए खरगे ने एक शायरी सुनाते हुए कहा, ‘मेरे बारे में कोई राय मत बनाना गालिब मेरा वक्त भी बदलेगा मेरी राय भी बदलेगी।

पीयूष गोयल ने की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तारीफ
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे उपराष्ट्रपति किसान के बेटे हैं। उन्होंने समाज में बहुत योगदान दिया है। उनके अनुभव से हमलोगों को सीखने के लिए मिलेगा। हमारे प्रधानमंत्री का भी जन्म चायवाले के यहां हुआ जो कि बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और उसी में रहकर पढ़ाई की। उन्होंने अपने जीवन के पांच दशक से अधिक समय समाज और इस राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। गोयल ने कहा कि एक नई परंपरा स्थापित हो रही है। सामान्य पृष्ठभूमि और सामान्य जीवन जीने वाले राजनीतिक नेता अब शीर्ष पदों पर आसीन हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक शिक्षिका थीं। ओडिशा के एक आदिवासी क्षेत्र में एक छोटे से स्कूल से, वह अब राष्ट्रपति हैं। 

संविधान सभा के सदस्य बेदाग साख और अनुभव के साथ बेहद प्रतिभाशाली थे
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमृत काल में हम दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक को अपना मानते हैं। संविधान सभा के सदस्य बेदाग साख और अनुभव के साथ बेहद प्रतिभाशाली थे। वर्तमान में, संसद प्रामाणिकता के साथ लोगों के जनादेश को दर्शाती है जैसा पहले कभी नहीं था। 

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