भारत में भी छिपे हैं कई अल-जवाहिरी, उन्हें चुन-चुन कर मारना होगा: भाजपा सांसद रवि किशन

गोरखपुर। अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी मारा गया है। जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रवि किशन ने अलकायदा चीफ अल जवाहिरी के मारे जाने को बड़ी उपलब्धि बताया है।

यूपी के गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने कहा कि अल जवाहिरी के जाने से बहुत बड़ी उपलब्धि मिली है। ऐसे बहुत से अल जवाहिरी भारत में भी छिपे हुए हैं। एक जवाहिरी के मरने से आतंकवाद खत्म नहीं होता। एक को मारा जाता है तो ये लोग हजारों को तैयार कर देते हैं। रवि किशन ने कहा कि भारत में भी कश्मीर, असम जैसे क्षेत्रों में अल जवाहिरी सक्रिय रहे हैं। ऐसे सभी अल जवाहिरी को चुन-चुन कर मारना होगा।

बता दें अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-जवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान में एक अभियान में मार गिराया था। अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के 11 महीने बाद एक महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी अभियान में अमेरिका ने यह सफलता हासिल की है।

अल-जवाहिरी ने अल-कायदा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पहले 1998 से उसने बिन-लादेन की छत्रछाया में काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर। खुफिया विभाग के सीनियर अधिकारी के अनुसार, अल-जवाहिरी जिस घर में मारा गया वह तालिबान के शीर्ष सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी के टॉप सहयोगी का है।

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