द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद बोले अमित मालवीय, ममता बनर्जी का डराना-धमकाना काम नहीं आया

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली दलित महिला राष्ट्रपति बनी हैं। गुरुवार को उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से हराया है। जिसके बाद द्रौपदी मुर्मू को हर तरफ से बधाई मिल रही है। तमाम राजनीतिक दलों ने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा है।

भाजपा के सोशल मीडिया इंचार्ज अमित मालवीय ने ट्वीट करके लिखा, टीएमसी के 2 सांसद और एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की। टीएमसी के दो सांसदों और 4 विधायकों के वोट अवैध करार दे दिए गए। ममता बनर्जी जो खुद विपक्ष की एकता को बनाए रखने में विफल रहीं वह अपने ही विधायकों को नियंत्रित नहीं कर सकीं। वहीं दूसरी तरफ डराने-धमकाने के बावजूद पश्चिम बंगाल के सभी भाजपा विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया।

यही नहीं अमित मालवीय ने एक और ट्वीट करके लिखा, यह रिकॉर्ड में रहना चाहिए कि सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस और ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए देश की पहली दलित महिला उम्मीदवार का विरोध किया। ये फैसले इनके इरादों को जाहिर करते हैं।

बता दें कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद सोनिया गांधी ने उन्हें बधाई दी थी और कहा था कि जल्द आपसे मुलाकात होगी। वहीं ममता बनर्जी ने भी बधाई देते हुए कहा कि देश आपकी ओर गंभीरता से देख रहा है, आप देश की मुखिया हैं, आपके पास देश के मूल्यों और संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी है, आप हमारे लोकतंत्र की प्रहरी हैं, वह भी ऐसे समय में जब देश अलग-अलग मतभेदों से त्रस्त है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके लिखा, भारत ने इतिहास लिखा है, जब देश के 1.3 बिलियन लोग आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे समय में देश के दलित समाज की एक बेटी जोकि पूर्वी भारत के हिस्सा में पैदा हुई, वह हमारे देश की राष्ट्रपति बन गईं। बता दें कि देश की पहली दलित महिला राष्ट्रपति होने के साथ ही द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। 64 साल की आयु में द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनी हैं। वह 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ले सकती हैं।

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