‘हिंदुओं को मारा जा रहा है’, मुसलमानों का करो आर्थिक बहिष्कार, पंचायत ने लिया फैसला

गुरुग्राम। राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में हुई हत्याओं के विरोध में रविवार को गुरुग्राम के मानेसर के बाबा भीष्मनाथ मंदिर में समस्त हिन्दू संगठन की पंचायत हुई। पंचायत ने हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए “मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं” के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया। प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए पंचायत ने आग्रह किया कि वे अपने-अपने गांवों में मुस्लिम व्यापारियों के आर्थिक बहिष्कार को लागू करने के लिए ग्राम स्तरीय समितियां बनाएं।

पंचायत में शामिल रहे मानेसर निवासी देवेंद्र सिंह ने कहा कि उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल के साथ जो घटना घटी वो बहुत दुखद है। इससे हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। हिन्दुओं के खिलाफ दूसरे संप्रदाय के लोग जो कट्टरपंथ अपना रहे हैं, उसका कैसे जवाब दिया जाए इसके लिए ये पंचायत आयोजित की गई थी, जिससे कि हिन्दू समाज के लोग सुरक्षित रह सकें।

उन्होंने बताया कि पंचायत में यह फैसला लिया गया है कि जो भी बाहरी लोग मानेसर क्षेत्र में रह रहे हैं प्रशासन की मदद से उनकी पहचान करवाई जाएगी, जिससे कि लोगों को यह पता चल सके कि कौन व्यक्ति से कहां से आया है और उनका मंसूबा क्या है।

उन्होंने बताया कि व्यवसाय के नाम पर दशकों में रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य जगहों से आए हजारों लोग गुरुग्राम में आकर यहां बस गए हैं, जो समाज में घटित हो रही घटनाओं को देखते हुए स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा है। ऐसे में प्रशासन की मदद से पहचान करवाकर गलत मंसूबों वाले लोगों को यहां से बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया जाएगा और इनका आर्थिक बहिष्कार भी किया जाएगा।

पंचायत के कई वक्ताओं ने मुस्लिम विक्रेताओं के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि मानेसर में मुसलमानों द्वारा संचालित कई जूस की दुकानों और सैलून में एक साजिश के तहत हिंदू देवताओं के नाम थे। देवेंद्र सिंह ने कहा, ‘आर्थिक बहिष्कार ही एकमात्र उपाय है। इनकी कट्टरता और इनके जिहाद को देखते हुए हमें ये कदम उठाना पड़ेगा।’ हमने इसको मानेसर से शुरू कर दिया है।

पंचायत की ओर से इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट सज्जन सिंह को एक मांग पत्र सौंपकर प्रशासन को ये जांच करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। पंचायत में यह फैसला हुआ कि यदि सात दिन में प्रशासन को कदम नहीं उठाता तो एक बड़ी महापंचायत को आयोजन किया जाएगा।

बता दें कि, राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को दर्जी कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी, जबकि 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती में दवा विक्रेता (केमिस्ट) की हत्या कर दी गई थी। पुलिस का दावा है कि दोनों हत्याएं भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर दी गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का सोशल मीडिया पर समर्थन करने की वजह से की गई हैं। दोनों ही मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है।

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