दिल्ली में ऑटो-रिक्शा और टैक्सी की सवारी करना होगा महंगा, जानिए नए रेट्स

दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो-रिक्शा और टैक्सी का सफर करना जल्द ही महंगा हो जाएगा क्योंकि इनके किराए में बढ़ोतरी होने जा रही है। तिपहिया वाहन के लिए प्रति किलोमीटर पर किराये में डेढ़ रूपये तथा टैक्सियों के लिए बेस फेयर में 15 रूपये की वृद्धि का प्रस्ताव है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी है और अगली बैठक में उसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किये जाने की संभावना है।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार किराया बढ़ाने की योजना बना रही है। अधिकारियों के मुताबिक, सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किराए में बढ़ोतरी जरूरी हो गई है। सरकार ने अप्रैल में 13 सदस्यीय किराया पुनरीक्षण समिति का गठन किया था। समिति ने तिपहिया वाहनों के लिए एक रुपये प्रति किलोमीटर और टैक्सियों के किराए में 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इसने मई में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

अधिकारियों ने बताया कि मीटर डाउन चार्ज को पहले के 25 रुपये के बेस फेयर के बजाय 30 रुपये में संशोधित किया जाएगा। इसके बाद हर किलोमीटर पर 9.50 रुपये के बजाय 11 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इसी तरह टैक्सियों के लिए मीटर डाउन चार्ज 25 रुपये के बजाय 40 रुपये होगा। नॉन-एसी टैक्सियों के लिए, हर किलोमीटर का किराया 14 रुपये के बजाय 17 रुपये प्रति किलोमीटर होगा जबकि एसी टैक्सियों के लिए किराए में संशोधन किया जाएगा। 16 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर अब 20 रुपये होगा।

ऐप-आधारित एग्रीगेटर्स ने पहले ही अपनी कीमतों में बढ़ोतरी की थी, जबकि ऑटो-रिक्शा और टैक्सियों की कीमतों में कोई संशोधन नहीं किया गया था, जिनके किराए सरकार द्वारा नियंत्रित होते हैं। टैक्सी के किराए को आखिरी बार 2013 में संशोधित किया गया था और समिति ने इन नौ वर्षों में सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी और वाहनों के स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखा था। गहलोत ने कहा, ‘सिफारिशों के आधार पर हम कैबिनेट की मंजूरी के बाद किराए में बढ़ोतरी करेंगे।’ छह महीने में सीएनजी की कीमत बढ़कर 75.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। इस साल 1 जनवरी को यह 52.04 रुपये थी।

Exit mobile version