गाजियाबाद: स्टाम्प पेपर पर गोद लिया 9 साल का बच्चा फिर करवा दिया उसका जबरन खतना

गाजियाबाद। जिले से मतांतरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक शख्स ने बच्चे को गोद लेकर उसका खतना करा दिया है। इस मामले से जुड़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। पुलिस ने वीडियो का स्वतः संज्ञान लिया और बच्चे को शुक्रवार शाम मुक्त कराते हुए उसे गोद लेने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल बच्चे को बालगृह में रखा गया है।

9 वर्षीय बच्चा मूलरूप से बिहार में औरंगाबाद के रफीगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है। बच्चे ने बताया कि जब वह बहुत छोटा था तो उसकी मां अंशु की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। पिता कौन है, जिंदा है भी या नहीं, इस बारे में उसे आज तक आज तक कुछ नहीं पता। मां की सहेली सोनी उर्फ कुन्नी देवी और उसके पति मिथलेश यादव ने ही उसे पाला-पोसा। सोनी-मिथलेश गाजियाबाद में बुलंदशहर रोड स्थित लोहा मंडी में मजदूरी करते हैं और वहीं रहते हैं।

यहां पर और भी बहुत सारे मजदूर काम करते हैं, जिसमें बुलंदशहर जिले के जुल्फिकार, उमर मोहम्मद और इसकी पत्नी बबली भी एक हैं। इसी साल अप्रैल में उमर ने सहकर्मी सोनी के पति मिथिलेश से बात कर बच्चा अपने कब्जे में लेकर उसका पालन पोषण करने लगा। इसमें सिर्फ 50 रुपए के स्टाम्प पेपर पर गोद लेने की बात लिखवाई गई जबकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की वेबसाइट पर आवेदन कर ही बच्चा गोद लिया जा सकता है।

गोद लेने के बाद उमर मोहम्मद और बबली उसको बुलंदशहर ले गए। बुलंदशहर में उमर का पैतृक घर है। यहाँ उमर मोहम्मद ने उसका एक दिन खतना करा दिया। बच्चा खूब रोया, चीखा-चिल्लाया, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। वह खून से लथपथ होकर घंटों तड़पता और रोता रहा। बच्चे ने पुलिस को बताया कि उसके पास कोई और रास्ता नहीं था, इसलिए धीरे-धीरे वह वो चीजें करने लगा, जो मुस्लिम धर्म में होती हैं। कुल मिलाकर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया।

वहीं 20 दिन पहले बच्चा वापस गाजियाबाद की लोहा मंडी में आ गया। चार-पांच दिन पहले राजेश नाम का एक शख्स बच्चे के पास पहुंचा। बच्चे ने राजेश को पूरी आपबीती बताई। राजेश ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया। वीडियो वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने इसका स्वत: संज्ञान लिया।

लोहामंडी चौकी प्रभारी यशपाल सिंह की शिकायत पर शुक्रवार को पांच लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। ये आरोपित औरंगाबाद (बिहार) जिले में रफीगंज के कपूर बीघा गांव निवासी कुन्नी देवी उर्फ सोनी, उसके पति मिथलेश यादव, अगौता (बुलंदशहर) के लोहरा गांव निवासी जुल्फिकार, उमर मोहम्मद और उसकी पत्नी बबली हैं। इसमें उमर गिरफ्तार हो चुका है, बाकी चारों की तलाश की जा रही है।

पुलिस के मुताबिक बच्चा सोनी को मां और मिथिलेश को पापा कहता है क्योंकि छोटी उम्र में ही उसने अपनी मां को खो दिया था। बरामदगी के बाद बच्चे ने कहा था कि पापा ने मुझे मुस्लिम व्यक्ति को बेच दिया था। उमर समेत पांचों पर गलत तरीके से गोद लेने और मतांतरण का आरोप तो पहले से ही था। बच्चे के बयान के बाद मानव तस्करी के भी आरोपित बनाए जा सकते हैं। पुलिस ने बच्चे को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया। बोर्ड के आदेश पर बच्चे को धरोदा बालगृह भेजा गया।

पुलिस का कहना है कि उमर मोहम्मद द्वारा बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह अवैध है। अगर बच्चे को गोद लेने में कहीं भी रुपयों का लेनदेन हुआ है तो इसमें चाइल्ड ट्रैफिकिंग की धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी।

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