अनुपम खेर की मां ने बताया कश्मीर से निकाले जाने का हाल, बोलीं- चिट्ठी मिली, आज आपकी बारी है

अपनी माँ के साथ अनुपम

मुंबई। द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर लोग अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। इस बीच अनुपम खेर की मां दुलारी का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। करीब 4 महीने पहले फिल्म देखने के बाद उन्होंने इस पर अपना रिऐक्शन दिया था।

अनुपम खेर फिल्म पर अपनी मां दुलारी से पूछा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स कैसी लगी तो बोलीं, मुझे सबकुछ पता ही है वहां का। मुझे वही दिखा जो उन लोगों ने करा है। हमें क्या 30 साल से यही देख रहे हैं। जो बच्चा पैदा हुआ था वो आज 30-32 साल का हो गया। सब यही देख रहे हैं क्या बताना है। मेरे भाइयों को ऐसे चिट्ठियां पहुंची, निकल जाओ। बेचारे नाना जी ने मकान बनवाया था, वो बेचारा इसी में मर भी गया। शाम को आया ऑफिस से, चिट्ठी मिली आज आपकी बारी है। रामबाग रहता था।

वह कहती दिख रही हैं कि फिल्म में जो दिखाया है सब सही है। वह 32 साल से यह सब देख रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सब कुछ होते हुए भी उनके भाइयों को यतीमों की तरह उनके घर से निकाल दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों को नहीं पता कि कश्मीरियों के साथ क्या हुआ। उन्हें पता चलना चाहिए।

रात में ट्रकें चलती थीं उसी में बैठकर दोनों भाई निकल गए। बच्चे बाहर पढ़ रहे थे। उन बेचारों के पास पानी के लिए एक ग्लास तक नहीं था। निकाला ठीक से था। मुझे सब कुछ पता है। जिसने भी यह भी यह पिक्चर बनाई बहुत ठीक करा। हम हिंदुओं के लिए बहुत अच्छा किया। मोदी भी इतना लड़ रहा है बेचारा। अब इसने बताई तो पता लगेगा कि कश्मीरियों के साथ क्या हुआ। बाहर वालों को क्या पता क्या था। अपनी दौलत थी, अपना सामान था। ऐसे निकाला जैसे फकीर होते हैं। मुझे अपने भाइयों का पता है।

जब अनुपम खेर ने पूछा, मेरा काम अच्छा लगा? इस पर उनकी मां बोलीं, सारों का अच्छा लगा। क्या नाम है उसका, मिथुन चक्रवर्ती। सब एक से बढ़कर एक हैं यहां। अनुपम खेर बोले, मेरी तारीफ नहीं कर रही। तेरी तारीफ सारे करेंगे। तू तो है ही गंदू जैसा सारांश वाला। अनुपम खेर बोलते हैं, मम्मी सोच रही हैं कि मेरी तारीफ करेंगी तो नजर लगेगी। इस पर दुलारी उनको डांटती हैं, वो भी तो मेरे ही हैं। वो भी हमारे हैं। बहुत अच्छी पिक्चर हैं। अनुपम खेर अपनी मां से पूछते हैं, पुष्कर नाथ जी कौन हैं। इस पर उनकी मां हंसने लगती हैं, बोलती हैं, मेरा बिटलू। तब अनुपम बताते हैं कि पुष्कर नाथ उनके दुलारी के पति और उनके पिता का नाम था।

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