भोपाल में 4 बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार, तैयार कर रहे थे स्लीपर सेल

प्रतीकात्मक चित्र

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खुफिया एजेंसी ने आतंकियों के बड़े माड्यूल को ध्वस्त किया है। हिरासत में लिए गए आतंकियों से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।

एटीएस की तरफ से जारी बयान में बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों के इलाके में रह कर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहने की सूचना मिली थी। जिसके बाद एटीएस ने संदिग्ध ठिकानों पर शनिवार देर रात दबिश देकर चारों को पकड़ा है। प्रारंभिक पूछताछ में चारों के बाग्लादेशी होने की जानकारी मिली है। पकड़े गए आरोपी में 32 वर्षीय फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम, 24 वर्षीय मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख, 28 वर्षीय जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल अहसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान शामिल है।

मीडिया से बात करते हुए पड़ोसियों ने कहा है कि 50-60 की संख्या में रात तीन से चार बजे के बीच पुलिसकर्मी आए थे। गोली मारकर कमरे का गेट खोला है। इसके बाद यहां रह रहे लोगों को गिरफ्तार कर ले गए हैं। इस मामले में मकान मालिक और पड़ोसियों के विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं। मकान मालकिन नायाब जहां का कहना है कि दोनों संदिग्ध तीन महीने पहले रहने आए थे। वहीं, पड़ोसन का कहना है कि युवक सालभर से वहां रह रहे थे। पुलिस इस मामले की पड़ताल भी कर रही है।

वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने आपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा। स्थानीय थाने को भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। बिल्डिंग में सभी किराएदार परिवार रहते हैं, नीचे वाले मकान का किराएदार भी गायब है। मकान की मालकिन 70 साल की वृद्धा नायाब जहां हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की सूचना मिली थी कि आतंकियों ने छिपने का ठिकाना भोपाल में बनाया है।

इसके बाद जांच कर एजेंसी इन तक पहुंची गई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हेल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे।

जेहादी साहित्य बरामद
आरोपियों के पास से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। आरोपी कट्टर तालिबानी सोच के हैं। एटीएस ने करौंद में भी संदिग्ध ठिकाने पर सर्च की है। चारों सदस्य प्रतिबंधित संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लोदश के सक्रिय सदस्य हैं।

केन्द्र ने लगाया है प्रतिबंध
जेएमबी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया था। इन आतंकी घटनाओं के चलते केन्द्र सरकार ने जेएमबी को 2019 में 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। इस प्रतिबंध के चलते जेएमबी देश भर में अलग-अलग जगह स्लीपर सेल चला रहा है। भोपाल में पकड़ाया मॉडयूल ऐसी ही एक स्लीपर सेल का हिस्सा है। जिसके माध्यम से भविष्य में कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकें।

बांग्लादेश में किया नरसंहार
जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लोदश संगठन ने वर्ष 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों के 300 स्थानों पर लगभग 500 छोटे बम विस्फोट किए थे। साथ ही बांग्लोदश में बड़े स्तर पर नरसंहार भी किया है।

Exit mobile version