यूक्रेन में फंसी पाकिस्तानी छात्रा लौटी अपने वतन, पीएम मोदी को कहा शुक्रिया

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 14 दिनों से युद्ध जारी है। युद्ध के इस हालात में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जिसके तहत यूक्रेन में फंसे अधिकांश भारतीयों को निकाल रलिया गया है। इस ऑपरेशन के जरिए सरकार ने केवल भारतीय नागरिकों को ही सुरक्षित नहीं निकाल बल्कि नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे नागरिकों की भी मदद की। विदेशी नागरिक भी अब सरकार की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की रहने वाली आसमा शफीक को भारत सरकार ने युद्धग्रस्त इलाके से निकालकर सुरक्षित स्वदेश भेजा है। सरकार के इस कदम की आसमा ने जमकर तारीफ की है। आसमा ने कहा, ‘मेरा नाम आसमा शफीक है। मैं कीव में स्थित भारतीय दूतावास की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें हरसंभव मदद की। हम यहां बहुत कठिन परिस्थिति में फंस गए थे। मैं भारत के प्रधानमंत्री की भी शुक्रगुजार हूं कि उनकी बदौलत हम यहां से निकल पाए, मदद करने के लिए लिए आपका धन्यवाद। भारतीय दूतावास की बदौलत हम घर सुरक्षित जा रहे हैं। थैंक्यू।’

18 हजार भारतीयों को स्वदेश लाया गया
बता दें कि यूक्रेन का सुमी एकमात्र शहर बचा था जहां भारतीय छात्र अब तक फंसे हुए थे। रूस के साथ जारी यूद्ध के महज के बीच पूर्वी यूक्रेन के खार्कीव और पेसोचिन से सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया था।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यूक्रेन से 22 हजार भारतीय बाहर निकाले जा चुके हैं। 8 मार्च तक आपरेशन गंगा के जरिये 18 हजार भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है। सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 मार्च को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बात की थी।

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