टिकट कटने पर फूट-फूटकर रोए सपा नेता, अब निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

देवरिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उठा-पटक जारी है। सुबह किसी को तो शाम को किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट देकर राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने का समीकरण साधने में लगी हुई है। लेकिन उसका उल्टा असर पार्टी नेताओं के बगावती तेवरों में नजर आने लगा है।

समाजवादी पार्टी ने यूपी के देवरिया की रुद्रपुर सीट से प्रदीप यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। प्रदीप यादव को प्रत्याशी घोषित करने के अगले दिन उनका टिकट काटकर पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बना दिया गया। पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के बाद प्रदीप यादव पार्टी बागी हो गए और निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। टिकट कटने से दुखी प्रदीप मीडिया के सामने फफक-फफककर रोने लगे और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा।

जिसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सपा से टिकट करने के बाद प्रदीप चौधरी ने कहा कि मेरा टिकट काटकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बहुत अन्याय किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे 2017 में टिकट दिया और दस महीने क्षेत्र में दौड़ाकर टिकट काट लिया। इसके बाद फिर इस बार 2022 का टिकट देकर काट दिया। अब फिर अखिलेश से टिकट नहीं मांगने जाऊंगा। अब जनता के बीच में जाऊंगा और जनता बटन दबाकर फैसला करेगी। अखिलेश जी यहां आकर बटन नहीं दबाएंगे।

प्रदीप ने आरोप लगाया कि हिस्ट्रीशीटर राम भुवाल निषाद को सपा ने टिकट दिया है। सपा प्रत्याशी पर दर्जनों मुकदमे हैं जबकि अखिलेश जी कह रहे थे कि माफिया और अपराधियों को टिकट नहीं देंगे। सपा के बागी नेता ने चेतावनी दी कि राम भुवाल गांव में घुस नहीं पाएंगे। उनको पांचवें स्थान पर कर दूंगा। अगर नहीं किया तो अपना कुर्ता निकाल कर टांग दूंगा। निर्दलीय प्रत्याशी यादव ने कहा कि उन्होंने दो सेट में नामांकन दाखिल किया है।

क्या रुद्रपुर में कोई नेता पैदा नहीं हुआ: प्रदीप यादव
प्रदीप यादव ने कहा कि मुझे इतना कष्ट तब नहीं हुआ, जब मेरा बेटा नदी में डूब कर मर गया था, लेकिन टिकट देकर काट दिया गया, इसका मुझे बहुत कष्ट हुआ है। 20 साल से संघर्ष किया है, जाकर जनता में पूछ लीजिए कि बीजेपी के खिलाफ कोई धरना प्रदर्शन राम भुवाल ने किया है या नहीं? यह गोरखपुर के चिल्लूपार से आकर बाहरी चुनाव लड़ेंगे, क्या रुद्रपुर में कोई नेता पैदा नहीं हुआ।

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