हिजाब विवाद के बीच उत्तराखंड सीएम का बड़ा ऐलान- सरकार बनी तो लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड

देहरादून। कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद के बाद अब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बयान दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर शपथ ग्रहण करते ही ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। उन्होंने कहा कि देश में सभी धर्मों के विवाह और तलाक के कानून अलग-अलग हैं। संपत्ति और पैतृकता के कानून भी अलग-अलग हैं। कहा कि विवाह, तलाक, उत्तराधिकार,जमीन-जायदाद जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार होगा। जाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो।

शनिवार को जारी किए गए बयान में धामी ने बताया कि रिटायर्ड जजों, प्रबुद्धजनों व समाज के विभिन्न वर्गों की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी। वहीं सीएम धामी के बयान पर भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने अपने ने प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में एकरूपता आएगी। सीएम धामी उत्तराखंड की बेहतरी के लिए कई निर्णायक फैसले ले रहे हैं।

क्या है समान नागरिक संहिता
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता यानी का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। समान नागरिक संहिता एक पंथ निरपेक्षता कानून जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होता है।

फिलहाल देश मुस्लिम, इसाई, और पारसी का पर्सनल लॉ लागू है। हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख और जैन आते हैं। संविधान में समान नागरिक संहिता अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है। लेकिन ये आज तक देश में लागू नहीं हो सका है और उस पर निरंतर बहस चल रही है।

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