सपा के पूर्व मंत्री के प्लॉट से मिली युवती की लाश, हत्या के बाद जमीन में गाड़ा था शव

उन्नाव। यूपी के उन्नाव में लापता युवती के मामले में पुलिस ने बड़ा राजफाश किया है। पुलिस ने पूर्व मंत्री द्वारा बनवाए गए आश्रम के पास खाली प्लाट में दफनाए गए युवती के शव को कब्र खोदकर बाहर निकाला गया है। इससे लापता बेटी के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की कार के सामने लखनऊ में आत्मदाह का प्रयास करने वाली मां के आरोपों की पुष्टि हो गई है।

मामला उस समय चर्चा में आया था, जब पीड़िता की मां ने 24 जनवरी को अखिलेश यादव की कार के आगे आत्महत्या का प्रयास किया था। विगत 8 दिसंबर को पीड़िता की मां ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर बेटी के अपहरण करने की जानकारी दी और उन्होंने इसका आरोप पूर्व राज्यमंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह उर्फ अरुण सिंह पर लगाया,  लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को न समझते हुए गुमशुदगी में दर्ज कर पल्ला झाड़ लिया।

पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए गायब किशोरी की मां ने लखनऊ में विगत 24 जनवरी को अखिलेश यादव की कार के सामने आत्महत्या का प्रयास किया। लखनऊ में हुए इस घटनाक्रम से उन्नाव पुलिस पर सवाल उठने लगे जिसके बाद सक्रिय हुए पुलिस ने तत्काल राजोल सिंह को गिरफ्तार कर जांच में गति दी।

सर्विलांस के जरिए स्वाट टीम प्रभारी गौरव कुमार ने आरोपी रजोल सिंह के दोस्त मूलत: हरदोई के नयागांव मुबारकपुर व मौजूदा समय में खजुरिहा बाग नई बस्ती निवासी सूरज सिंह को उठाकर पूछताछ की तो उसने राजोल के साथ मिलकर युवती की हत्या कर शव पूर्व मंत्री के कब्बबाखेड़ा स्थित दिव्यानंद आश्रम के पीछे प्लाट में खुदे टैंक के गड्ढे में दबाए जाने की पुलिस को जानकारी दी। अहम कड़ी हाथ लगने के बाद पुलिस ने गुरुवार को पूर्व मंत्री द्वारा बनवाए गए आश्रम के पास खाली पड़ी जमीन पर खोदाई शुरू कराई। खाली पड़े प्लाट में करीब सात फिट गहरा गड्ढा खोदने पर युवती का शव दफन मिला।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 8 दिसंबर की शाम युवती ने रजोल सिंह को फोन कर हरदोई ओवरब्रिज पर बुलाया। कार से रजोल वहां पहुंचा और युवती को भरोसे में लेकर दिवंगत पिता के कब्बाखेड़ा स्थित आश्रम लेकर पहुंचा। यहां पहले से मौजूद दोस्त सूरज के साथ मिलकर पहले युवती के सिर में डंडों से वार किया। फिर गला दबाकर हत्या कर दी और वहां से चले गए। तडक़े लगभग 3 बजे दोनों आश्रम पहुंचे और शव को वहां से निकाल कर पीछे खाली प्लॉट में खुदे टैंक के गड्ढे में मिट्टी से दबा दिया। दूसरे दिन सुबह मजदूर बुलाकर पूरी तरह से उसे मिट्टी से पाट दिया। टैंक का गड्ढा लगभग 7 फीट गहरा था।

पीड़िता की मां ने बताया कि विवेचना अधिकारी क्षेत्राधिकारी नगर और सदर कोतवाली पुलिस के कारण उनकी पुत्री की हत्या हुई है। यदि उनके कहने पर तीन खंड की बिल्डिंग की भी जांच हो जाती तो उनकी बेटी जिंदा मिल जाती, लेकिन पुलिस ने इसे विवादित जगह बता कर जांच नहीं की। दूसरी तरफ पुलिस उनकी बेटी के भाग जाने और वापस आने पर बयान दर्ज कराने की बात करती रही। पुलिस कहती रही कि बिटिया तुम्हारी कमाई का जरिया, घूम फिर कर आ जाएगी। खोजने का प्रयास नहीं किया। उन्हें एसपी से भी मिलने नहीं दिया जा रहा था। आज उनकी बेटी का शव जमीन में गड़ा हुआ मिला।

वहीं एएसपी शशि शेखर सिंह ने कहा 8 दिसंबर को गुमशुदगी दर्ज हुई थी। बाद में मुकदमे में तरमीम किया गया था। आज किशोरी की डेड बॉडी बरामद हुई है। जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। इसमें जो भी व्यक्ति शामिल है उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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