आज है राष्ट्रीय मतदाता दिवस, जानिए उद्देश्य और इतिहास

प्रतीकात्मक चित्र

भारत हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाता है। मतदान सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है जो लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति के पास है। चुनाव आयोग के 61वें स्थापना दिवस पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ किया था।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 एक महत्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि विभिन्न प्रमुख राज्य चुनाव होने हैं। इतना ही नहीं 2024 में आम चुनाव भी होंगे। ऐसे में इन चुनावों में मतदाताओं की महत्वपूर्ण भागीदारी के लिए उन्हें शिक्षित करना जागरूक करना जरूरी है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां लोग स्वयं अपनी सरकार चुनते हैं। प्रत्येक 18 वर्ष एवं इससे से अधिक आयु का वयस्क नागरिक मतदान करने का अधिकारी है। नागरिकों का मतदान का मतलब उनका अपनी सरकार चुनने में योगदान देने से है। प्रत्येक मतदान का अपना महत्व है क्योंकि बहुमत के आधार पर ही सरकार का निर्णय होता है अर्थात सरकारें बहुमत के आधार पर ही चुनी जाती हैं।

यह दिवस भारत के सभी नागरिकों को अपने कर्त्तव्यों की याद दिलाता है। शपथ ग्रहण के साथ ही लोगों को मतदान के प्रति जागरूक भी किया जाता है। प्रतियोगिता, भाषण, मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) के वितरण के साथ इस दिन कई कार्यक्रम मनाए जाते है। इस वर्ष सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के प्रधान महानिदेशक सत्येंद्र प्रकाश भी पुरस्कार प्राप्त करने वाले हैं। उनको ये पुरस्कार प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए काम के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र, बंगाल, बिहार और केरल राज्यों में विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 थीम
हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उत्सव विभिन्न समर्पित विषयों के इर्द-गिर्द घूमता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 की थीम ‘मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता’ है। इस राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर, आप देश के नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार रहने के लिए अपनी पूरी कोशिश करें। चाहे वह अंतिम रूप से मतदान करने के लिए पंजीकरण करना हो या अन्य युवा मतदाताओं को पंजीकरण कराने में मदद करना हो।

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