अगर आप गूगल क्रोम ब्राउजर इस्तेमाल कर रहे हैं तो अलर्ट हो जाइए, नहीं तो होगा नुकसान

नई दिल्ली। नई दिल्ली। आजकल ज्यादातर यूजर्स गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप भी ब्राउजर चलाते हैं तो आपको सावधान होने की जरुरत है। क्योंकि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेसपॉन्स टीम (CERT-In)ने यूजर्स को अपना ब्राउजर तुरंत अपडेट करने के लिए कहा है।

(CERT-In) एडवाइजरी में चेतावनी देते हुए कहा है कि गूगल क्रोम ब्राउजर में कई कमियां पाई गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल क्रोम टाइप कंफ्यूजन के कारण V8 में इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसने वेब ऐप, यूजर इंटरफेस, स्क्रीन कैप्चर, फाइल एपीआई, ऑटो-फिल और डेवलपर्स टूल्स जैसी कई कमियों की पहचान की है। सरकार का कहना है कि अगर कोई यूजर गूगल क्रोम को अपडेट नहीं करता है तो डिवाइस के रिमोट हैक होने का खतरा बना रहेगा। चेतावनी सिर्फ उन यूजर्स के लिए है जो क्रोम वर्जन 97.0.4692.71 से पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे यूजर्स हैकर्स का शिकार बन सकते हैं। यही नहीं उनकी डिटेल्स हैकर्स के पास जाकर वे बड़ी मुशीबत में फस सकते हैं।

इन खामियों का फायदा कोई भी साइबर हमलावर उठा सकता है और क्रोम यूजर्स को बिना ही किसी मैलिशियस वेब पेज पर ले जाया जा सकता है। अगर हैकर्स इन खामियों का फायदा उठाने में सफल हो जाता है,तो वे आपके डिवाइस पर “मैलिशियस कोड” रन कर सकेंगे और आपकी पर्सनल जानकारी चुरा पाएंगे। इसलिए ही सरकार ने गूगल क्रोम को एडवाइजरी के तहत अपडेट करने की चेतावनी दी है।

वहीं हालिया जारी रिपोर्ट के मुताबिक गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपनी संवेदनशील जानकारी को नहीं सेव करना चाहिए, क्योंकि यह हैंकिंग के लिए जिम्मेदार हो सकता है। सिक्योरिटी एक्सपर्ट कंपनी AhnLab की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में Redline Stealer मैलवेयर की पहचान की गई है, जो गूगल क्रोम में सेव लॉगिन आईडी और पासवर्ड को चुराने का काम करता है। इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स आपकी पर्सनल और गोपनीय डिटेल को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। साथ ही बैंकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। साथ पर्सनल जानकारी के बदले पैसों की भी डिमांड की जाती है।

AhnLab की रिपोर्ट की मानें तो वर्क फ्रॉम होम के दौरान इस मैलवेयर के बारे में पता चला। यह मैलवेयर काफी खतरनाक है। सबसे हैरान करने वाली बात है कि इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का भी असर नहीं होता है। ऐसे में मैलवेयर के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है। मैलवेयर कंपनी के वीपीएन (VPN) तक पहुंचकर लॉग-इन और पासवर्ड चोरी करने में माहिर है। ऐसे में यूजर्स से गूगल क्रोम में अपना लॉग-इन आईडी पासवर्ड सेव ना सेव करने की सलाह दी गई है। इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का असर नहीं होता है।

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