दिल्ली में लगा मिनी लॉकडाउन, जानिए क्या खुला और क्या बंद

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बढ़ते मामले को देखते हुए पाबंदियां और सख्त की गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 के मामले बढ़ने पर मंगलवार को कहा कि दिल्ली में ‘ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के तहत येलो अलर्ट जारी किया गया है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कोरोना संकट को लेकर बैठक की और येलो अलर्ट लागू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, दो दिनों से ज्यादा समय से 0.5 फीसदी कोरोना पॉजिटिविटी रेट दर्ज की जा रही है। हम ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के लेवल- I (येलो अलर्ट) को लागू कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामले हल्के हैं और संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद ऑक्सीजन या वेंटीलेटर के इस्तेमाल में कोई वृद्धि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए पहले के मुकाबले 10 गुना अधिक तैयार हैं।’

ये हैं नई पाबंदियां

ऑफिस कौन जाएगा और कौन नहीं

दिल्ली सरकार के ऑफिस में ए ग्रेड 100 फीसदी स्टाफ को आना होगा, बाकी 50 फीसदी स्टाफ ही ऑफिस आएगा। प्राइवेट ऑफिस में 50 फीसदी स्टाफ को ही आने की इजाजत होगी

कब लगता है यलो अलर्टः अगर पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिन 0.5% दिन हो जाए या फिर हफ्ते में 1500 नए केस आने लगें या फिर अस्पतालों में औसतन 500 ऑक्सिजन बेड भरने लगें, तो यलो अलर्ट का ऐलान कर दिया जाता है। दिल्ली में कोरोना की यलो वाली खतरे की घंटी बज गई है।

अंबर अलर्ट की नौबत कब आती हैः यलो अलर्ट के बाद अंबर अलर्ट की बारी आती है। यह खतरे का दूसरा स्टेज है। अंबर अलर्ट तब घोषित किया जाता है, जब कोरोना की संक्रमण की दर लगातार दो दिन 1 फीसदी रहने लगे। या फिर औसतन 3500 नए केस आने लगें या फिर अस्पतालों में ऐसी स्थिति हो जाए कि 700 ऑक्सिजन बेड औसतन भरे रहने लेंगे। दिल्ली अब अंबर अलर्ट के खतरे की तरफ बढ़ रही है।

ऑरेंज और रेड अलर्ट में होता क्या हैः पॉजिटिविटी रेट अगर लगातार दो दिन 2 पर्सेंट से ज्यादा हो जाए तो ऑरेंज और अगर अगर यह 5 फीसदी से ऊपर हो जाए तो रेड अलर्ट की नौबत आ जाती है।

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