काबुल एयर स्ट्राइक पर बोला अमेरिका- आत्मरक्षा में उठाया कदम, हमले को लेकर तालिबान ने कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान में अगले 24 से 36 घंटे के भीतर अमेरिकी सैनिकों पर हमले किए जा सकते हैं। उन्होंने खतरे को देखते हुए अत्यधिक सतर्कता बरतने को भी कहा था।

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका ने रविवार को काबुल एयरपोर्ट के पास एक रिहाइशी इलाके में राकेट से हमला किया। ड्रोन हमला आत्मघाती हमलावरों के वाहन को निशाना बनाकर किया गया था, जो एयरपोर्ट पर हमला करने जा रहे थे। अमेरिका ने कहा है कि उसने आत्मरक्षा में इस्लामिक स्टेट आतंकियों पर ड्रोन हमला किया। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि 31 अगस्त के बाद अमेरिका को अफगानिस्तान में हमले करने का अधिकार नहीं होगा। तालिबान के नेतृत्व में बनने वाली सरकार इस तरह के किसी भी हमले को रोकेगी। तालिबान ने नांगरहार प्रांत में अमेरिका के ड्रोन हमले की निंदा भी की थी।

अफगानिस्तान से ब्रिटेन की सेना वापस लौटी

ब्रिटेन की सेना अफगानिस्तान में अपने अभियान को समाप्त कर वापस लौट गई है। बीस साल तक अफगानिस्तान में रहने के बाद आखिरी बचे सैनिकों लेकर रायल एयर फोर्स का विमान शनिवार को आधी रात के बाद काबुल हवाई अड्डे से उ़़ड गया। यह विमान बाद में ब्रिटेन के आक्सफोर्डशायर पहुंचा। इसमें अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत सर लारी ब्रिस्टो भी सवार थे। रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने एक वीडियो संदेश ट्विटर पर साझा करते हुए अफगान मिशन समाप्त होने की आधिकारिक जानकारी दी।

हमले के परिणामों का आकलन

यूएस सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा है कि हम हमले के बाद नागरिकों के हताहत होने की खबरों से अवगत हैं। फिलहाल हम अभी भी इस हमले के परिणामों का आकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि हमने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है। हमले के बाद वाहन से विस्फोट हुए हैं जिससे उस पर पर्याप्त मात्रा में विस्फोटक होने का संकेत मिलता है।

बाइडन ने एक दिन पहले ही दी थी चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान में अगले 24 से 36 घंटे के भीतर अमेरिकी सैनिकों पर हमले किए जा सकते हैं। उन्होंने खतरे को देखते हुए अत्यधिक सतर्कता बरतने को भी कहा था। गुरुवार को काबुल हवाईअड्डे के एक गेट पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 192 लोग मारे गए थे। इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

बाइडन ने बदला लेने का संकल्प लिया था

बाइडन ने काबुल हमले के साजिशकर्ताओं को खोजकर मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस हमले को अमेरिका भूलेगा नहीं और दोषियों को ढूंढकर मारा जाएगा। उसके अगले दिन यानी शुक्रवार की रात को ही अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान की सीमा से सटे नांगरहार प्रांत में ड्रोन हमले में दो आइएस आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में एक आतंकी घायल भी हुआ था। मारे गए आतंकियों पर काबुल हमले की साजिश रचने का आरोप था। इस हमले के बाद बाइडन ने कहा था कि आइएस के खिलाफ यह आखिरी हमला नहीं है और आगे भी उसके खिलाफ हमले किए जाएंगे।  साभार-दैनिक जागरण

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