देश के कई हिस्सों में बाढ़ की मार, जानिए- मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत तमाम राज्यों का हाल

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पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड की घटना हो रही हैं तो वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़-बारिश ने हाल बेहाल किया हुआ है। पश्चिम बंगाल (Bengal) के कई इलाकों में बाढ़ की घटनाओं की वजह से करीब 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

नई दिल्ली, एजेंसियां। देशभर में मानसूनी बारिश जारी है। बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब समेत तमाम राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है, वैज्ञानिकों ने नदियों के जल स्तर में वृद्धि और पश्चिम बंगाल में निचले इलाकों में बाढ़ के प्रति सचेत किया है। उत्तर भारत में शुक्रवार को उमस भरा मौसम रहा। राजस्थान के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के बाद बांधों से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी वर्षा के कुछ थमने के बाद भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।

मध्य प्रदेश में बिगड़े हालात

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले तीन दिनों तक कहर बरपाने वाली बाढ़ में कई जिंदगियां भी समा गई हैं। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, बर्बादी का मंजर भी सामने आ रहा है। अब तक प्रशासन ने 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें शिवपुरी में 11, श्योपुर में छह और मुरैना में तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा भिंड और दतिया में भी बाढ़ के कारण हुई मौतों की जानकारी जुटाई जा रही है। लगातार हो रही बारिश से विदिशा, गुना और अशोकनगर जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गुना जिले में नदी-नालों की बाढ़ में 290 गांव घिर गए हैं। यहां सोडा गांव के 300 लोग बाढ़ से चारों ओर से घिरे हुए हैं।

राजस्थान में नदियां उफान पर

उधर, राजस्थान में कोटा संभाग में बारिश के कारण कालीसिंध,आहू, परवन,कालीखाड़ और छापी नदियां उफान पर हैं। उफनते नदी-नालों के कारण झालावाड़ को मध्य प्रदेश से जोड़ने वाले कई मार्ग बंद हो गए हैं। बारिश से हुए कटाव के कारण बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे बंद हो गया है। राज्य सरकार राहत व बचाव के लिए हरसंभव मदद का प्रयास कर रही है ।

पश्चिम बंगाल के 7 जिलों में स्थिति गंभीर

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बाढ़ की स्थिति (flood situation) गंभीर बनी हुई है। भारी बारिश और बाद में बांधों से पानी छोड़े जाने से पूर्वी और पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं।

यूपी में बाढ़ की स्थिति

पहाड़ों पर हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कानपुर के आसपास और बुंदेलखंड के जिलों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। राहत और बचाव के काम नाकाफी साबित हो रहे हैं। जालौन के रामपुरा में सिंध नदी उफनाने के बाद शुक्रवार को सेना ने बचाव कार्य शुरू किया। सेना ने कई गांवों में फंसे लोगों को निकाला। जिले में सिंध, पहुज व यमुना नदियों के उफान मारने से घर, मकान व मवेशी सभी कुछ डूब चुके हैं। ग्रामीण जान बचाकर पलायन को मजबूर हैं। औरैया में यमुना नदी में बाढ़ से सदर और अजीतमल तहसील के 22 गांव जलमग्न हो गए। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने औरैया, इटावा समेत बाढ़ प्रभावित कई जिलों का हवाई दौरा कर जायजा लिया।

भारी बारिश के कारण प्रयागराज में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। एक स्थानीय का कहना है कि निवासी, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं, गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अधिकांश छात्र अपने घरों को लौटने की योजना बना रहे हैं।

बिहार में बाढ़ का खतरा

बिहार के पटना सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति विकट बनी हुई है। इस बीच, गंगा, पुनपुन नदी पटना और भागलपुर में खतरे के निशाना से उपर बह रही हैं। इधर, पटना के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य चलाया जा रहा है। साभार- दैनिक जागरण

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